लेखनी कहानी -03-Jan-2024 विधाता
#विधाता प्रतियोगिता हेतु
कुछ निर्णय को लेना पड़ता ,परिस्थितियों के अनुरूप,
है भाग्य विधाता की मर्जी, हो कभी छांव हो कभी धूंप।
प्रेम डगर की मुश्किल राहे, हर पल उठती दिल में पीर,
राधा बिन श्याम है आधा, रांझे के बिन तड़पे हीर।
हो मानव या भाग्य विधाता, प्रेम के गाए सबने गीत,
एक दूजे से जुड़ ना पाए,दिल से दिल के वोमन मीत।
।
प्रेम रत्न धन पा जाएंगे, हो दिल में जिसके जज्बात,
हर दिल राधे राधे गाये, हो कान्हा का हमेशा साथ।
संगीत वर्मा ✍️✍️,
Gunjan Kamal
08-Jan-2024 08:36 PM
👏👌
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Rupesh Kumar
07-Jan-2024 09:54 PM
Nice
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नंदिता राय
06-Jan-2024 09:38 AM
Nice one
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